स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस देरी का कारण प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अड़चनें और फंड आवंटन में विलंब है। वे इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन मरीजों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि टीबी मरीजों के लिए पौष्टिक आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उपचार प्रक्रिया को प्रभावी बनाता है। भोजन भत्ते में देरी से मरीजों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उनकी रिकवरी धीमी हो सकती है।
सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द फंड जारी करे, ताकि मरीजों को समय पर भोजन भत्ता मिल सके और उनकी सेहत में सुधार हो
सके।