नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों से जुड़ा है, जिसमें हजारों सिखों की हत्या कर दी गई थी।
कोर्ट ने सज्जन कुमार को साजिश, दंगा भड़काने और हत्या के आरोपों में दोषी ठहराया। यह फैसला पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
मामले का विवरण
1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली और अन्य शहरों में सिख समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर दंगे भड़के थे। इस हिंसा में हजारों सिखों की जान चली गई थी। सज्जन कुमार पर आरोप था कि उन्होंने दंगे भड़काने में अहम भूमिका निभाई थी।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं, जिससे साफ होता है कि सज्जन कुमार ने दंगों को भड़काने में भूमिका निभाई थी। इस मामले में अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
पीड़ितों की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़ितों के परिवारों ने कहा कि दशकों बाद उन्हें न्याय मिला है। कई सिख संगठनों ने इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया और सरकार से मांग की कि दंगों से जुड़े अन्य मामलों में भी तेजी से कार्रवाई हो।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। भाजपा और अकाली दल ने इसे न्याय की जीत बताया, जबकि कांग्रेस ने कहा कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
यह फैसला 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े अन्य मामलों के लिए भी मिसाल बन सकता है, जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है।