भारत के खगोल विज्ञान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, लद्दाख के हानले में स्थित मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) दूरबीन ने हाल ही में एक प्राचीन ब्रह्मांडीय विस्फोट का पता लगाया है, जो पृथ्वी की आयु से भी पुराना है। यह खोज न केवल भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि वैश्विक खगोल विज्ञान अनुसंधान में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।
MACE दूरबीन: एक परिचय
MACE दूरबीन एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की सबसे ऊंची इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन है, जो समुद्र तल से लगभग 4,300 मीटर की ऊंचाई पर लद्दाख के हानले में स्थित है। इसका निर्माण भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और अन्य भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से किया है। इसका उद्घाटन 4 अक्टूबर, 2024 को परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के प्लेटिनम जुबली समारोह के तहत किया गया था।
प्राचीन ब्रह्मांडीय विस्फोट की खोज
हाल ही में, MACE दूरबीन ने एक अत्यंत प्राचीन गामा-किरण विस्फोट (Gamma-Ray Burst) का पता लगाया है, जो पृथ्वी से लगभग 8 अरब प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है। यह विस्फोट इतना पुराना है कि यह हमारी पृथ्वी की आयु से भी अधिक है, जो लगभग 4.5 अरब वर्ष मानी जाती है। इस खोज से वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हो रही हैं।
गामा-किरण विस्फोट: ब्रह्मांड के रहस्यों की कुंजी
गामा-किरण विस्फोट ब्रह्मांड में होने वाली सबसे ऊर्जावान घटनाओं में से एक हैं। ये विस्फोट विशाल तारों के पतन या न्यूट्रॉन सितारों के विलय के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं। इनकी अध्ययन से वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की संरचना, विकास और विभिन्न खगोलीय घटनाओं के बारे में गहन समझ प्राप्त होती है।
MACE की तकनीकी विशेषताएँ
MACE दूरबीन का व्यास 21 मीटर है और यह 1,088 फोटोमल्टीप्लायर-आधारित पिक्सल्स से युक्त एक उन्नत इमेजिंग कैमरा से सुसज्जित है। इसकी उच्च ऊंचाई और अत्याधुनिक तकनीक इसे उच्च-ऊर्जा गामा किरणों का सटीकता से अध्ययन करने में सक्षम बनाती है। इससे वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की सबसे ऊर्जावान घटनाओं की गहरी समझ प्राप्त करने में मदद मिलती है।
भारत के लिए महत्व
MACE दूरबीन की यह सफलता भारत को वैश्विक खगोल विज्ञान अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती है। यह परियोजना न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करती है, बल्कि लद्दाख क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान देती है। स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर मिलते हैं और क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
निष्कर्ष
MACE दूरबीन द्वारा 8 अरब प्रकाश-वर्ष दूर स्थित प्राचीन ब्रह्मांडीय विस्फोट की खोज भारत के वैज्ञानिक प्रयासों की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल ब्रह्मांड की गहन समझ के लिए मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि देश को खगोल विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बनाती है। भविष्य में, MACE जैसी परियोजनाएँ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति को और भी सुदृढ़ करेंगी