दमिश्क, सीरिया — इजरायल ने शुक्रवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क के माज़ेह जिले में राष्ट्रपति महल के पास एक हवाई हमला किया, जो दो दिनों में इस क्षेत्र में दूसरा हमला है। सीरियाई सरकारी मीडिया के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली लारिजानी दमिश्क की आधिकारिक यात्रा पर थे।
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, यह हमला माज़ेह में एक “सैन्य आवासीय परिसर” को निशाना बनाकर किया गया, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई, जिनमें नागरिक और ईरान समर्थित लड़ाके शामिल हैं। इसके अलावा, दमिश्क के बाहरी इलाके में एक अन्य हमले में 10 फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के लड़ाके मारे गए।
इजरायली सेना ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है, यह कहते हुए कि उन्होंने इस्लामिक जिहाद के “कमांड सेंटर और उसके ऑपरेटिव्स” को निशाना बनाया है। सेना ने कहा कि यह संगठन “सीरियाई शासन के संरक्षण में सीरिया में काम कर रहा है” और “दक्षिणी लेबनान में हिज़्बुल्लाह की सहायता कर रहा है”।
सीरियाई विदेश मंत्रालय ने इन हमलों की निंदा करते हुए उन्हें “आपराधिक” बताया और संयुक्त राष्ट्र से तत्काल कार्रवाई की मांग की। मंत्रालय ने कहा कि ये हमले नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाकर किए गए हैं, जिससे “भारी भौतिक क्षति” हुई है।
यह हमला सीरिया में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा के बीच हुआ है, विशेष रूप से दक्षिणी सीरिया में ड्रूज़ अल्पसंख्यक और सुन्नी मुस्लिम लड़ाकों के बीच झड़पों के बाद। इन झड़पों की शुरुआत एक विवादास्पद ऑडियो रिकॉर्डिंग के प्रसार से हुई थी, जिसमें पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी, जिसे एक ड्रूज़ धार्मिक नेता से गलत तरीके से जोड़ा गया था।
इजरायल ने कहा है कि वह ड्रूज़ समुदाय की रक्षा के लिए कार्रवाई कर रहा है और सीरिया में ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ अपने हमले जारी रखेगा। हालांकि, कई ड्रूज़ नेताओं ने इजरायल की मंशा पर संदेह व्यक्त किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।
इन हमलों ने सीरिया में पहले से ही जटिल राजनीतिक और सैन्य स्थिति को और अधिक अस्थिर कर दिया है, जहां विभिन्न गुटों के बीच संघर्ष और बाहरी हस्तक्षेप लगातार बढ़ रहे
हैं।
