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7 मई 2025 — ब्रेक्सिट के बाद वैश्विक मंच पर व्यापारिक सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, ब्रिटेन और भारत ने एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति के चलते वैश्विक व्यापार वातावरण अस्थिर होता जा रहा है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री और भारतीय प्रधानमंत्री की संयुक्त घोषणा के अनुसार, इस समझौते में द्विपक्षीय व्यापार में टैरिफ में कटौती, सेवा क्षेत्र में अधिक पहुंच, कृषि और फार्मा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया गया है। इसके तहत आने वाले पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार का आकार 100 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है।
ब्रिटेन ने भारत को अपने प्रमुख रणनीतिक साझेदार के रूप में मान्यता दी है, जबकि भारत ने इसे “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” जैसी पहलों को वैश्विक मंच पर ले जाने का अवसर बताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता ट्रंप की टैरिफ नीतियों से उत्पन्न व्यापारिक अस्थिरता के बीच भारत और ब्रिटेन को एक स्थिर व्यापारिक साझेदारी की ओर ले जाएगा। यह कदम यूरोप से बाहर ब्रिटेन की रणनीतिक री-ओरिएंटेशन का प्रतीक भी माना जा रहा है।
दोनों देशों के उद्योगपतियों और निवेशकों ने इस करार का स्वागत किया है और इसे रोजगार सृजन, तकनीकी सहयोग और विनिर्माण को नई दिशा देने वाला कदम बताया है।
