लंदन: यूनाइटेड किंगडम (यूके) सरकार ने प्रवासियों के लिए कड़े कदम उठाते हुए छात्रों और विदेशी कामगारों के वीजा नियमों में सख्ती कर दी है। इसके साथ ही यूके में जन्म लेने वाले विदेशी नागरिकों के बच्चों को मिलने वाली स्वतः नागरिकता की सुविधा भी समाप्त की जा रही है।
गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम यूके में प्रवासन की दर को नियंत्रित करने और ब्रिटिश नागरिकता के मानकों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरकार का मानना है कि बढ़ती विदेशी आबादी से नौकरी के अवसरों और सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव पड़ रहा है।
नई नीति के अनुसार, अब विदेशी छात्रों को पढ़ाई के दौरान अपने परिजनों को लाने की अनुमति नहीं होगी, सिवाय अनुसंधान आधारित कोर्स कर रहे छात्रों के। वहीं, विदेशी कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन सीमा भी बढ़ा दी गई है, जिससे केवल उच्च दक्षता वाले कामगारों को ही वीजा मिल सकेगा।
इसके अलावा, यूके में जन्म लेने वाले बच्चों को अब सिर्फ इस आधार पर ब्रिटिश नागरिकता नहीं मिलेगी कि उनके माता-पिता विदेशी नागरिक हैं और यूके में रह रहे हैं। अब नागरिकता के लिए माता-पिता में से कम से कम एक का स्थायी निवास या नागरिक होना आवश्यक होगा।
सरकार का यह कदम घरेलू स्तर पर समर्थन हासिल कर रहा है, लेकिन मानवाधिकार संगठनों और प्रवासी समुदायों ने इसकी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह नीति परिवारों को विभाजित कर सकती है और कई मेहनती विदेशी नागरिकों को असुरक्षा की भावना दे सकती है।
