वाशिंगटन/दमिश्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सीरिया के राष्ट्रपति अल-शराअ के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुलाकात कर दुनिया को चौंका दिया। यह वही अल-शराअ हैं, जिन पर कुछ महीने पहले तक अमेरिकी सरकार ने 10 मिलियन डॉलर (लगभग 83 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित किया था।
यह मुलाकात पश्चिमी देशों के तथाकथित ‘नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था’ (rules-based international order) पर सवाल खड़े कर रही है। जहां एक ओर अमेरिका और उसके सहयोगी देश लोकतंत्र और मानवाधिकारों की दुहाई देते हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के ही पूर्व राष्ट्रपति द्वारा एक वांछित व्यक्ति से खुलेआम मुलाकात करना एक विरोधाभास को दर्शाता है।
डोनाल्ड ट्रंप की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें दोनों नेताओं को मुस्कराते हुए हाथ मिलाते और कैमरे के सामने पोज़ देते हुए देखा जा सकता है। इस मुलाकात को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग या व्हाइट हाउस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक असामान्य घटना मान रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम ट्रंप के आगामी राष्ट्रपति चुनाव अभियान का हिस्सा हो सकता है, जहां वे खुद को एक वैश्विक ‘डीलमेकर’ के रूप में पेश करना चाहते हैं। वहीं आलोचक इसे अमेरिका की नैतिकता और विदेश नीति की गंभीर विफलता बता रहे हैं।
सीरिया के राष्ट्रपति अल-शराअ पर वर्षों तक युद्ध अपराध, मानवाधिकार हनन और आतंकवाद के समर्थन के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे व्यक्ति से एक प्रमुख अमेरिकी राजनीतिक नेता की सार्वजनिक मुलाकात वैश्विक मंच पर कई सवाल खड़े कर रही है।
