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नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को घोषणा की कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल तट पर आधिकारिक रूप से दस्तक दे दी है। यह मानसून का 2009 के बाद अब तक का सबसे जल्दी आगमन है। आमतौर पर मानसून केरल में 1 जून के आसपास पहुंचता है, लेकिन इस वर्ष यह लगभग एक सप्ताह पहले ही 24 मई को आ गया।
आईएमडी के अनुसार, दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्रों में मानसून की शुरुआत 19 मई को हुई थी, और यह तेज़ी से पश्चिम की ओर बढ़ा। केरल में लगातार बारिश, बादल छाए रहने और समुद्री हवाओं की दिशा में बदलाव के चलते मानसून की पुष्टि की गई।
आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया, “मौसम के मौजूदा मापदंडों के अनुसार, केरल में मानसून की शुरुआत की पुष्टि हो चुकी है। इस बार मानसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना पहले ही जताई गई थी।”
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून का जल्दी आना किसानों के लिए लाभदायक हो सकता है, क्योंकि इससे खरीफ की फसलों की बुआई समय पर शुरू की जा सकेगी। हालांकि, पूरे देश में इसका प्रभाव धीरे-धीरे पड़ेगा और मानसून की प्रगति पर मौसम विभाग की नजर बनी हुई है
