नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड (BSPL) के परिसमापन (लिक्विडेशन) पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। यह फैसला JSW ग्रुप को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का अवसर देने के लिए लिया गया है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। पीठ ने कहा कि जब तक JSW की पुनर्विचार याचिका पर विचार नहीं किया जाता, तब तक परिसमापन की प्रक्रिया को स्थगित रखा जाएगा।
JSW ने यह दलील दी कि उसने बीएसपीएल के ऋण समाधान के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) और बाद में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में भी इस प्रस्ताव को खारिज किया गया, जिसके बाद JSW अब पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रही है।
कंपनी के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि परिसमापन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उन्हें पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और उस पर सुनवाई का मौका दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए फिलहाल के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।
यह मामला कॉर्पोरेट दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत आने वाले सबसे बड़े मामलों में से एक है, और इसका फैसला देश के कॉर्पोरेट जगत पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।
