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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नवजात शिशुओं को श्वसन संक्रामक वायरस (RSV) से बचाने के लिए पहली बार एक वैक्सीन लॉन्च की है। यह पहल शिशुओं में RSV संक्रमण से होने वाली गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
RSV क्या है?
RSV एक सामान्य श्वसन वायरस है जो बच्चों और बुजुर्गों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। यह वायरस विशेष रूप से नवजात शिशुओं और छह महीने से कम उम्र के बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है।
नई वैक्सीन: Abrysvo
Pfizer द्वारा विकसित की गई Abrysvo वैक्सीन गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के 32 से 36 सप्ताह के बीच दी जाती है। यह वैक्सीन मां के शरीर में एंटीबॉडीज उत्पन्न करती है, जो गर्भनाल के माध्यम से शिशु तक पहुंचती हैं, जिससे जन्म के बाद शिशु को RSV संक्रमण से सुरक्षा मिलती है।
क्लिनिकल परीक्षणों में पाया गया कि Abrysvo वैक्सीन शिशुओं में जन्म के बाद पहले तीन महीनों में RSV से संबंधित गंभीर बीमारियों के जोखिम को 81.8% तक और छह महीनों तक 69.4% तक कम करती है।
Nirsevimab: एक और विकल्प
Nirsevimab, जिसे Beyfortus के नाम से भी जाना जाता है, एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है जो शिशुओं को RSV से तत्काल सुरक्षा प्रदान करती है। यह वैक्सीन नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद दी जाती है और लगभग पांच महीने तक सुरक्षा प्रदान करती है।
Nirsevimab विशेष रूप से उन शिशुओं के लिए अनुशंसित है जिनकी माताओं को गर्भावस्था के दौरान Abrysvo वैक्सीन नहीं दी गई थी, या जिनका टीकाकरण स्थिति अज्ञात है। इसके अलावा, 8 से 19 महीने के उच्च जोखिम वाले बच्चों के लिए भी यह वैक्सीन अनुशंसित है।
माता-पिता के लिए क्या महत्वपूर्ण है?
1. टीकाकरण का समय: गर्भवती महिलाओं को Abrysvo वैक्सीन गर्भावस्था के 32 से 36 सप्ताह के बीच लेनी चाहिए। यदि यह संभव नहीं है, तो शिशु को जन्म के बाद Nirsevimab वैक्सीन दी जा सकती है।
2. सुरक्षा और प्रभावशीलता: दोनों वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं, और शिशुओं को RSV संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं।
3. स्वास्थ्य सलाह: माता-पिता को अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करके यह तय करना चाहिए कि उनके शिशु के लिए कौन सी वैक्सीन उपयुक्त है।
निष्कर्ष
RSV संक्रमण नवजात शिशुओं के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। WHO द्वारा लॉन्च की गई नई वैक्सीन Abrysvo और Nirsevimab शिशुओं को इस संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। माता-पिता को अपने डॉक्टर से परामर्श करके अपने शिशु के लिए सही वैक्सीन का चयन करना चाहिए।
