SOURCE MoneyControl
नई दिल्ली, 5 जून 2025 — भारत सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में चिप और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नियमों में ढील दी है। इस पहल का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना, आयात पर निर्भरता कम करना और भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में ₹22,919 करोड़ की इलेक्ट्रॉनिक घटक निर्माण योजना को मंजूरी दी है, जिसमें 25% पूंजीगत व्यय पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। यह योजना छह वर्षों की अवधि में लागू की जाएगी और इससे लगभग 91,600 प्रत्यक्ष नौकरियों के सृजन की उम्मीद है, साथ ही अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
मुख्य विशेषताएं:
प्रोत्साहन: घरेलू निर्माताओं को पूंजीगत व्यय का 25% तक वित्तीय सहायता।
लक्ष्य क्षेत्र: डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा मॉड्यूल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB), लिथियम-आयन सेल, और अन्य महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक घटकों का निर्माण।
नौकरी सृजन: योजना के तहत प्रत्यक्ष रूप से 91,600 नौकरियों का सृजन और अप्रत्यक्ष रूप से कई अन्य रोजगार अवसरों की संभावना।
निर्यात वृद्धि: पिछले दस वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात छह गुना बढ़कर ₹2.5 लाख करोड़ हो गया है, और अगले चार वर्षों में इसके दोगुना होने की उम्मीद है।
SEZ नियमों में बदलाव:
SEZ नियमों में किए गए हालिया संशोधनों के तहत, इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय पर 25% तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह संशोधन घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से किया गया है।
उद्योग की प्रतिक्रिया:
इलेक्ट्रॉनिक उद्योग संघों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह पहल भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत स्थिति दिलाने में मदद करेगी और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष:
सरकार द्वारा SEZ नियमों में ढील और नई प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा से भारत में चिप और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल न केवल रोजगार सृजन में मदद करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करन में भी सहायक होगी।
