SOURCE India Today
श्रीनगर, 6 जून 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने मंच साझा कर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। हालांकि यह उनकी पार्टी की ओर से केंद्र सरकार के प्रति नरमी का संकेत नहीं था, बल्कि ओमर ने इस अवसर का उपयोग करते हुए केंद्र से स्पष्ट मांग रखी: जम्मू-कश्मीर को राज्य का पूर्ण दर्जा लौटाया जाए।
ओमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं यहां किसी पद की लालसा में नहीं आया हूं। मुझे राज्य का दर्जा चाहिए, जो 2019 में हमसे छीना गया।” उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में एक साहसिक कदम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब वह स्वयं कहते हैं कि उन्हें “डिमोट” किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी की सभा के दौरान ओमर अब्दुल्ला का मंच पर उपस्थित होना कई सवाल भी खड़े करता है – क्या यह विपक्ष और केंद्र के बीच संभावित संवाद की शुरुआत है या एक रणनीतिक मंच साझा करने की आवश्यकता?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह घटनाक्रम काफी महत्वपूर्ण है। ओमर अब्दुल्ला ने मंच से केंद्र सरकार को याद दिलाया कि लोकतंत्र की आत्मा राज्य की स्वायत्तता में निहित है।
सभा के बाद सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा, जहाँ ओमर अब्दुल्ला के बयान को लेकर समर्थन और आलोचना दोनों देखने को मिली।
फिलहाल यह स्पष्ट है कि ओमर अब्दुल्ला ने राज्य के मुद्दे को फिर से चर्चा के केंद्र में लाने की कोशिश की है, चाहे इसके लिए उन्हें पद की ‘डाउनग्रेडिंग’ भी क्यों न झेलनी पड़े।
