Source The Economics Times
निकोसिया, साइप्रस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस में एक महत्वपूर्ण संबोधन में घोषणा की कि दुनिया के कुल डिजिटल लेनदेन का 50% भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से होता है। यह बयान भारत की डिजिटल क्रांति की सफलता और वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में UPI की बढ़ती प्रमुखता को रेखांकित करता है।
साइप्रस में भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के डिजिटल परिवर्तन पर जोर दिया और बताया कि कैसे UPI ने देश में वित्तीय समावेशन और नवाचार को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, “आज दुनिया के 50 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के माध्यम से भारत में होते हैं।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि साइप्रस को UPI नेटवर्क में शामिल करने के लिए बातचीत चल रही है, जैसा कि फ्रांस जैसे देशों ने पहले ही इसे अपनाया है। उन्होंने कहा, “कई देश, जैसे फ्रांस, इससे जुड़े हुए हैं। साइप्रस को इसमें शामिल करने के लिए बातचीत चल रही है और मैं इसका स्वागत करता हूं।”
यह घोषणा भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली के वैश्विक विस्तार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। UPI ने भारत में खुदरा भुगतान को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे यह आम लोगों के लिए बेहद आसान और सुलभ हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस के निवेशकों को भारत के डिजिटल प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हरित विकास जैसे क्षेत्रों में अपार अवसरों का पता लगाने के लिए भी आमंत्रित किया।
एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच सीमा पार लेनदेन के लिए UPI सेवाओं को शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों के बीच वित्तीय सहयोग को और मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री का यह बयान भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और भविष्योन्मुखी बुनियादी ढांचा विकास पर उसके ध्यान को दर्शाता है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर एक डिजिटल भुगतान महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।
