SOURCE Times Entertainment
लखनऊ: क्या आप जानते हैं कि एक खास तेल में बना खाना आपकी याददाश्त को बेहतर बना सकता है और डिमेंशिया के जोखिम को 28 प्रतिशत तक कम कर सकता है? हाल ही में हुए शोधों से यह बात सामने आई है कि जैतून का तेल (Olive Oil) मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है और यह डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रमुख अध्ययन सहित कई अनुसंधानों में पाया गया है कि जो लोग रोजाना आधा चम्मच (लगभग 7 ग्राम) से अधिक जैतून के तेल का सेवन करते हैं, उनमें डिमेंशिया से संबंधित मृत्यु का जोखिम उन लोगों की तुलना में 28% कम होता है जो जैतून का तेल शायद ही कभी या बिल्कुल नहीं खाते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह चौंकाने वाला परिणाम आहार की समग्र गुणवत्ता से स्वतंत्र है, जिसका अर्थ है कि जैतून के तेल के अपने अनूठे गुण हैं जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। जैतून का तेल एंटीऑक्सिडेंट और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ये दोनों कारक डिमेंशिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अपनी दैनिक आहार में जैतून के तेल को शामिल करना मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने और उम्र बढ़ने के साथ संज्ञानात्मक गिरावट को धीमा करने का एक सरल और प्रभावी तरीका हो सकता है। आप इसे सलाद ड्रेसिंग, खाना पकाने या डिप के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
यह खबर उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है जो डिमेंशिया के बढ़ते जोखिम से चिंतित हैं। जैतून का तेल न केवल आपके भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह आपके दिमाग को तेज और स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अपनी डाइट में जैतून का तेल कैसे शामिल करें:
* सलाद और सब्जियों पर छिड़क कर खाएं।
* नियमित खाना पकाने के तेल की जगह जैतून के तेल का उपयोग करें।
* ब्रेड डिप के रूप में इस्तेमाल करें।
* सूप और पास्ता में डालें।
तो अगली बार जब आप खाना बनाएं, तो अपनी याददाश्त और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जैतून के तेल को प्राथमिकता देना न भूलें!
