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इस्लामाबाद/वाशिंगटन: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी होती है और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए जाते हैं, तो पाकिस्तान को डर है कि उसकी सीमा पर जिहादी चरमपंथी समूह एक बार फिर से पनप सकते हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह बात हाल ही में एक गोपनीय बैठक के दौरान हुई, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
जनरल मुनीर ने कथित तौर पर ट्रंप को अवगत कराया कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है और इस संघर्ष में भारी कीमत चुकाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में एक अस्थिर स्थिति पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करती है, क्योंकि सीमा पार से आतंकवादी घुसपैठ और हमलों का खतरा बढ़ जाता है।
बैठक में, जनरल मुनीर ने कथित तौर पर अमेरिकी पक्ष से अपील की कि वे अफगानिस्तान में एक मजबूत और स्थिर सरकार सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाएं, और साथ ही उन चरमपंथी समूहों पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाएं जो सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उसे इस जटिल मुद्दे से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को स्वीकार किया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति लगातार चिंता का विषय बनी हुई है, और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभावों को लेकर बहस तेज हो गई है।
पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता रहा है कि वह अफगानिस्तान में मानवीय संकट और सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान दे, ताकि चरमपंथ को फिर से पैर जमाने का मौका न मिले। जनरल मुनीर का यह बयान पाकिस्तान की इस गंभीर चिंता को रेखांकित करता है कि अफगानिस्तान की स्थिति सीधे तौर पर उसकी अपनी सुरक्षा को प्रभावित करती है।
यह देखना होगा कि अमेरिका और पाकिस्तान इस संवेदनशील मुद्दे पर आगे कैसे सहयोग करते हैं ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
