SOURCE India Tv
बीजिंग, चीन: चीन में चमगादड़ों में पाए गए कुछ नए वायरसों को लेकर वैज्ञानिकों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इन वायरसों में मनुष्यों में मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) पैदा करने की क्षमता बताई जा रही है, जो एक जानलेवा स्थिति हो सकती है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब दुनिया अभी भी कोविड-19 महामारी के प्रभावों से जूझ रही है, जिसकी शुरुआत भी चीन में ही हुई थी और जिसे चमगादड़ों से जुड़े होने की आशंका जताई जाती है।
हाल ही में हुए शोध में, चीनी वैज्ञानिकों ने युन्नान प्रांत में चमगादड़ों में कई नए वायरसों की पहचान की है। इनमें से कुछ वायरस घातक निपाह और हेंड्रा वायरस से मिलते-जुलते हैं, जो मनुष्यों में गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियां और उच्च मृत्यु दर का कारण बन सकते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इन वायरसों के चमगादड़ों के मूत्र या दूषित फलों और पानी के माध्यम से मनुष्यों और अन्य जानवरों में फैलने का खतरा है। यदि ये वायरस इंसानों में फैलते हैं, तो वे कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के साथ-साथ सीधे मस्तिष्क पर हमला करके गंभीर सूजन और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस नई खोज ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इन वायरसों पर गहन निगरानी और शोध की आवश्यकता है ताकि उनके संभावित जोखिमों को बेहतर ढंग से समझा जा सके और भविष्य की महामारियों को रोका जा सके। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, जो पहले कोविड-19 के उद्गम स्थल के रूप में जांच के दायरे में रहा है, इन नए वायरसों के अध्ययन में भी शामिल है।
दुनिया भर के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संगठन स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और नागरिकों से सतर्क रहने और सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि जंगली जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले वायरसों से उत्पन्न होने वाले खतरों को लेकर वैश्विक स्तर पर तैयारियों और सहयोग की कितनी आवश्यकता है।
