SOURCE The Indian Express
नई दिल्ली: भारतीय टेनिस जगत से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। होनहार युवा टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव (22) की उनके ही पिता द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई है। इस घटना ने खेल समुदाय और पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। राधिका की एक करीबी दोस्त, जिसने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर बात की, ने इस भयानक त्रासदी के पीछे के कुछ परेशान करने वाले पहलुओं को उजागर किया है।
दोस्त ने भावुक होते हुए बताया, “राधिका बेहद प्रतिभाशाली और अपनी शर्तों पर जीने वाली लड़की थी। उसे अपनी आज़ादी बहुत प्यारी थी, और शायद यही उसके पिता को बर्दाश्त नहीं हुई।” उसने आगे कहा, “वह उसे (राधिका को) स्वतंत्र देखकर बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते थे। वे अक्सर उसे शर्मसार करते थे, उसके पहनावे पर, उसके देर तक बाहर रहने पर, और उसके दोस्तों पर सवाल उठाते थे। राधिका अपने खेल पर ध्यान देना चाहती थी और अपने लिए एक मुकाम बनाना चाहती थी, लेकिन उसके पिता का लगातार दबाव और नियंत्रण उसे तोड़ने लगा था।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना कल रात (तिथि और समय विवरण यहाँ डालें, यदि उपलब्ध हो) राधिका के घर पर हुई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि राधिका के पिता ने किसी घरेलू विवाद के बाद उस पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।
राधिका यादव टेनिस के उभरते सितारों में से एक थीं। उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था और उनका भविष्य उज्ज्वल दिख रहा था। उनके साथियों और कोचों ने उन्हें एक मेहनती, समर्पित और खुशमिजाज खिलाड़ी के रूप में याद किया है।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा के मुद्दे को गंभीर रूप से उठाया है। राधिका की दोस्त ने अंत में कहा, “यह सिर्फ राधिका की कहानी नहीं है, यह उन हजारों लड़कियों की कहानी है जो अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करती हैं लेकिन उन्हें अपने ही घर में बाधाओं और हिंसा का सामना करना पड़ता है। काश, हम उसे बचा पाते।”
टेनिस फेडरेशन और खेल मंत्रालय ने राधिका यादव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इस मामले में त्वरित न्याय की मांग की है। यह घटना भारतीय खेल जगत के लिए एक काला अध्याय बन गई है, जो हमें आत्मनिरीक्षण करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करती है कि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।
