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दमिश्क/तेल अवीव: अमेरिका ने घोषणा की है कि इजरायल और सीरिया के बीच सीज़फायर पर सहमति बन गई है। यह घोषणा दक्षिणी सीरिया में ड्रूज़ और बेदौइन समुदायों के बीच चल रही हिंसक झड़पों के बीच हुई है, जिसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। इन झड़पों के दौरान इजरायल ने दमिश्क पर हवाई हमले किए थे, जिससे तनाव काफी बढ़ गया था।
दमिश्क पर इजरायल ने क्यों किया हमला?
इजरायल ने दमिश्क और दक्षिणी सीरिया में सीरियाई सरकार के ठिकानों पर हवाई हमले करने का मुख्य कारण ड्रूज़ समुदाय की रक्षा करना बताया। सीरिया के सुवेदा प्रांत में ड्रूज़ और बेदौइन जनजातियों के बीच भीषण संघर्ष चल रहा था। सीरियाई सरकार की सेना ने इस संघर्ष में हस्तक्षेप किया और कथित तौर पर बेदौइन जनजातियों का पक्ष लिया, जिससे ड्रूज़ समुदाय के खिलाफ हिंसा और बढ़ गई।
इजरायल का कहना है कि सीरिया में ड्रूज़ समुदाय को खतरा था, और इजरायल के भीतर भी एक बड़ी ड्रूज़ आबादी है जो इजरायल राज्य के प्रति निष्ठा रखती है और सेना में सेवा देती है। इजरायल ने अपने बयान में कहा कि वह सीरियाई ड्रूज़ भाइयों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा था कि दक्षिणी सीरिया को विसैन्यीकृत रखा जाना चाहिए ताकि इजरायली क्षेत्र और ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
बुधवार को, इजरायल ने दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के पास के ठिकानों पर दुर्लभ और गहरे हवाई हमले किए। इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने दमिश्क को चेतावनी दी थी कि वह “सुवेदा में ड्रूज़ को अकेला छोड़ दे” और सीरियाई बलों के क्षेत्र से हटने तक “दर्दनाक हमले” की धमकी दी थी।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ड्रूज़ की रक्षा इजरायल के हमले का एकमात्र कारण नहीं था। उनका कहना है कि इजरायल सीरिया में अस्थिरता का लाभ उठाना चाहता है, विशेष रूप से दिसंबर में बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद। इजरायल एक कमजोर और खंडित सीरिया चाहता है, ताकि भविष्य में वह उसके लिए खतरा न बने। दमिश्क ने इन हमलों को “खुल्लम-खुल्ला हमला” और देश को अस्थिर करने का एक खतरनाक प्रयास बताया है।
सीज़फायर और आगे का रास्ता
अमेरिका के विशेष दूत टॉम बैरक ने शुक्रवार को इजरायल और सीरिया के बीच सीज़फायर समझौते की घोषणा की। इस समझौते में तुर्की और जॉर्डन ने भी समर्थन दिया है। हालांकि, सीज़फायर की घोषणा के बावजूद, सुवेदा प्रांत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में अभी भी झड़पों की खबरें आ रही हैं।
यह देखना बाकी है कि यह सीज़फायर कितना प्रभावी साबित होता है और क्या यह दक्षिणी सीरिया में ड्रूज़ और बेदौइन के बीच हिंसा को पूरी तरह से समाप्त कर पाएगा। इस बीच, मानवीय संकट गहराता जा रहा है, जिसमें हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इन घटनाओं की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
