SOURCE The Indian Express
नई दिल्ली: सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, सरकार ने आगामी संसद के मॉनसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विपक्ष की बहस की मांग को स्वीकार कर लिया है। यह फैसला आज सर्वदलीय बैठक के बाद लिया गया, जहाँ संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने घोषणा की कि सरकार संसद के नियमों और परंपराओं के अनुसार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
मॉनसून सत्र, जो 21 जुलाई से 21 अगस्त, 2025 तक चलने वाला है, इस बहस के साथ काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है। विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस सहित INDIA गठबंधन के सदस्य, लंबे समय से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विभिन्न पहलुओं पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत द्वारा मई 2025 में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई का कोडनेम है। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। भारत ने इस ऑपरेशन को एक “सटीक और संयमित प्रतिक्रिया” बताया था, जिसका उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था।
विपक्ष ने इस ऑपरेशन के बाद उत्पन्न हुए कई सवालों पर बहस की मांग की है, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता के दावों, विदेशी नीति में कथित “बहाव”, और ऑपरेशन के दौरान हुए नुकसान के बारे में विभिन्न रिपोर्टें शामिल हैं। विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस बहस का जवाब दें।
सरकार ने पहले संकेत दिया था कि वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते यह संसदीय नियमों के तहत हो। संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने कहा, “कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर दलों ने संसद में चर्चा करने में रुचि व्यक्त की है। हम खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार हैं।”
यह भी पता चला है कि इस सत्र में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने पर भी सहमति बन गई है।
कुल मिलाकर, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली यह बहस मॉनसून सत्र की मुख्य विशेषताओं में से एक होगी, जो सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक का मंच तैयार करेगी।
