SOURCE HT
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र 2025 का पहला दिन हंगामेदार रहा, जिसके कारण लोकसभा को मंगलवार, 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया, जिनमें प्रमुख रूप से हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग शामिल थी।
सुबह 11 बजे सत्र शुरू होते ही, लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और सरकार द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तत्काल चर्चा की मांग की। विपक्ष ने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर सदन में बयान देने का भी आग्रह किया।
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को कई बार बाधित किया गया। अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से शांत रहने और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्यों का विरोध जारी रहा। दोपहर बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद अंततः लोकसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले, सत्र शुरू होने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए सभी दलों से सहयोग की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह सत्र महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच है।
राज्यसभा में भी कुछ समय के लिए कार्यवाही बाधित हुई, लेकिन बाद में सदन में ‘द बिल्स ऑफ लैडिंग, 2025’ विधेयक पारित किया गया, जिसका उद्देश्य शिपिंग दस्तावेजों के लिए कानूनी ढांचे को अद्यतन और सरल बनाना है।
मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। इस सत्र में कराधान, खेल, शिक्षा, खनन और शिपिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने और पारित होने की उम्मीद है। विपक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा, शासन और भारत की विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है।
