SOURCE The Indian Express
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कुछ ही दिनों बाद, भारत निर्वाचन आयोग (EC) ने देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। धनखड़ ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को समाप्त होना था।
चुनाव आयोग ने बुधवार, 23 जुलाई 2025 को एक बयान जारी कर बताया कि गृह मंत्रालय से उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने की जानकारी मिलने के बाद, उसने इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति होने पर, यह चुनाव “यथाशीघ्र” आयोजित किया जाना चाहिए। नए चुने गए उपराष्ट्रपति को पदभार ग्रहण करने की तारीख से पूरे पांच साल का कार्यकाल मिलेगा, भले ही उनके पूर्ववर्ती का शेष कार्यकाल कितना भी बचा हो।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के सदस्यों से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इसमें निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्य शामिल होते हैं। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा गुप्त मतदान से होता है। हर सांसद के वोट का मूल्य बराबर होता है।
चुनाव आयोग संसद के महासचिवों में से किसी एक को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करता है। उम्मीदवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कम से कम 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक (सांसद) होने चाहिए। नामांकन पत्र के साथ 15,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान संसद परिसर में ही होता है। मतपत्र पर वरीयता के क्रम में उम्मीदवारों के नाम पर निशान लगाया जाता है। चुनाव आयोग द्वारा प्रदान की गई विशेष कलम का ही उपयोग करना अनिवार्य होता है, अन्यथा मत अमान्य हो सकता है।
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है और अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं कि वह कब इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान करता है।
