Source The Hindu
माले, मालदीव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह बैठक हाल के महीनों में संबंधों में आई खटास के बाद एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी, जो दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मालदीव पहुंचे हैं, का राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा वेलाना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया गया। उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति मुइज्जू के नवंबर 2023 में पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहले ऐसे विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं जिनकी मेजबानी मुइज्जू कर रहे हैं।
दोनों नेताओं ने पहले वन-ऑन-वन बैठक की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है और भारत-सहायता प्राप्त कई विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जाएगा। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास पहल शामिल हैं, जिनका उद्देश्य मालदीव की अर्थव्यवस्था और द्विपक्षीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह भारत-मालदीव संबंधों में संभावित ‘रीसेट’ का प्रतीक है। उन्होंने जोर दिया कि भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास के लिए ‘महासागर’ विजन में मालदीव एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब मालदीव अपना 60वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, और यह भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों के 60 साल भी पूरे होने का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
हालांकि, हाल के महीनों में कुछ मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में तनाव देखा गया था, लेकिन इस यात्रा को एक राजनयिक सफलता और सद्भावना का संकेत माना जा रहा है। भारत ने लगातार मालदीव की आर्थिक स्थिरता में सहायता की है, और माना जा रहा है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
