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एंड्रॉइड भूकंप अलर्ट: गूगल ने स्वीकारा, एल्गोरिथम-आधारित प्रणाली में थीं सीमाएं

गूगल ने आखिरकार यह स्वीकार कर लिया है कि उसका एंड्रॉइड भूकंप अलर्ट सिस्टम (Android Earthquake Alert System – AEA) 2023 में तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान लाखों लोगों को समय पर और सटीक चेतावनी देने में विफल रहा था। कंपनी ने माना है कि उसके एल्गोरिथम-आधारित सिस्टम में कुछ सीमाएं थीं, जिसके कारण भूकंप की वास्तविक तीव्रता का अनुमान नहीं लगाया जा सका और महत्वपूर्ण “टेक एक्शन” अलर्ट जारी नहीं किए जा सके।

विस्तृत खबर:

2023 में तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी। इस भूकंप के बाद से ही गूगल के एंड्रॉइड भूकंप अलर्ट सिस्टम की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए जा रहे थे। अब, दो साल बाद, गूगल ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उस समय उसका सिस्टम अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाया।

कंपनी ने एक आंतरिक जांच के बाद और “साइंस” पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में इन सीमाओं को स्वीकार किया है। गूगल के अनुसार, उस समय उनके डिटेक्शन एल्गोरिथम ने भूकंप की तीव्रता को 4.5 से 4.9 के बीच आंका था, जबकि इसकी वास्तविक तीव्रता 7.8 थी। इस गलत अनुमान के कारण, लाखों योग्य उपयोगकर्ताओं को सबसे उच्च-स्तरीय “टेक एक्शन” अलर्ट नहीं मिल पाए, जो उन्हें भूकंप आने से कुछ सेकंड पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का समय दे सकते थे।

रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप के केंद्र से 160 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लगभग 1 करोड़ लोगों को “टेक एक्शन” अलर्ट मिलना चाहिए था, लेकिन केवल 469 लोगों को ही यह अलर्ट मिला। वहीं, लगभग 5 लाख लोगों को “बी अवेयर” (Be Aware) अलर्ट भेजा गया, जो कम तीव्रता वाले भूकंपों के लिए होता है और उतनी गंभीरता से लोगों को आगाह नहीं करता।

गूगल ने कहा है कि हर भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली को बड़े पैमाने की घटनाओं के लिए एल्गोरिदम को ट्यून करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। कंपनी ने यह भी कहा है कि उन्होंने तब से अपने एल्गोरिथम को अपडेट किया है और अब AEA सिस्टम को 98 देशों तक विस्तारित कर दिया है।

हालांकि, विशेषज्ञों ने इस जानकारी को सार्वजनिक करने में हुई देरी पर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि गूगल को इन खामियों के बारे में पहले ही पारदर्शी होना चाहिए था। कुछ वैज्ञानिकों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि देश गूगल के अलर्ट पर बहुत अधिक निर्भर हो सकते हैं, जिससे मजबूत सार्वजनिक चेतावनी प्रणालियों के विकास की उपेक्षा हो सकती है।

गूगल ने जोर दिया है कि उसकी प्रणाली राष्ट्रीय अलर्ट प्रणालियों का समर्थन करने के लिए है, उन्हें प्रतिस्थापित करने के लिए नहीं। कंपनी का कहना है कि वे हर भूकंप से मिली सीख के आधार पर सिस्टम में सुधार जारी रखे हुए हैं।

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