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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी उस टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के वकील से कहा, “अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे कि चीनियों ने भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है।”
यह मामला भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ा हुआ है। राहुल गांधी ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय भूमि के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है और सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।
सुप्रीम कोर्ट में यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान की गई। याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी के बयान को “देश विरोधी” बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से भी सवाल किया कि क्या कोई व्यक्ति राजनीतिक बयान देने के लिए कोर्ट की मदद ले सकता है, लेकिन राहुल गांधी के वकील की ओर मुड़ते हुए, पीठ ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “राजनीतिक बयान देना एक बात है, लेकिन यह कहना कि चीनियों ने भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है, एक अलग बात है। यह देश की संप्रभुता और अखंडता से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा है। एक जिम्मेदार नेता से ऐसे बयानों की उम्मीद नहीं की जाती है।”
राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल का इरादा देश को बदनाम करने का नहीं था, बल्कि वह सरकार की कथित निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक टिप्पणी थी और इसे कानूनी कार्रवाई का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए।
हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि भले ही यह एक राजनीतिक बयान था, लेकिन इसमें इस्तेमाल किए गए शब्दों का चुनाव जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा, “जब आप एक सार्वजनिक मंच से बोलते हैं, तो आपके शब्दों का बहुत महत्व होता है। एक नेता को अपने बयानों के परिणामों के प्रति सचेत रहना चाहिए।”
कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं किया, लेकिन राहुल गांधी को भविष्य में इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर बयान देते समय अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी। यह घटनाक्रम भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर चल रही राजनीतिक बहस में एक नया मोड़ है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार पर लगातार हमला किया है, जबकि सरकार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भारतीय सेना ने चीनी सेना को पीछे धकेल दिया है।
