Source Hindustan Times
तेल अवीव: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शुक्रवार तड़के घोषणा की कि सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा शहर पर कब्जा करने की उनकी योजना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला इजरायल के 22 महीने के सैन्य अभियान में एक और बड़ा कदम है। इस फैसले के बाद, इजरायली सेना गाजा के उन हिस्सों पर भी नियंत्रण करने की तैयारी कर रही है, जहां वह अब तक दाखिल नहीं हुई थी।
सुरक्षा कैबिनेट की इस बैठक में, जो देर रात तक चली, नेतन्याहू ने गाजा पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण स्थापित करने का अपना इरादा स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य हमास को पूरी तरह खत्म करना और इजरायली बंधकों को सुरक्षित वापस लाना है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि इजरायल गाजा पर स्थायी रूप से शासन नहीं करना चाहता, बल्कि वह इसे किसी ऐसी अंतरराष्ट्रीय या अरब शक्तियों को सौंपना चाहता है जो हमास का समर्थन न करती हों।
इस योजना के तहत, गाजा के उन क्षेत्रों से जहां इजरायली सेना घुसने की तैयारी कर रही है, लाखों फिलिस्तीनी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, सेना प्रमुख और कुछ अन्य सुरक्षा अधिकारियों ने इस योजना पर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि इससे गाजा में बचे हुए बंधकों की जान को खतरा हो सकता है और सैन्य अभियान की लागत भी बढ़ सकती है।
हमास ने इस योजना की कड़ी निंदा की है और इसे बंधकों को ‘बलिदान’ करने की इजरायल की मंशा बताया है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस फैसले को लेकर चिंता जताई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि गाजा में सैन्य अभियान का विस्तार, पहले से ही गंभीर मानवीय संकट को और बढ़ा सकता है।
यह नया प्लान इजरायल-हमास युद्ध को एक निर्णायक मोड़ पर ला सकता है, लेकिन इसके परिणाम क्या होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। युद्ध में पहले ही हजारों जानें जा चुकी हैं और गाजा का एक बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है।
