Source Hindustan Times
उत्तराखंड। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। ये तस्वीरें धराली गांव में आपदा से पहले और बाद के हालात को दिखाती हैं, जिससे तबाही की भयावहता साफ नजर आती है।
इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) ने कार्टोसैट-2एस सैटेलाइट से 13 जून 2024 की तुलना 7 अगस्त 2025 की तस्वीरों से की। इन तस्वीरों से पता चलता है कि बाढ़ ने न केवल कई इमारतों को नष्ट कर दिया, बल्कि खीर गाड़ और भागीरथी नदियों के प्रवाह मार्ग को भी बदल दिया है।
तबाही के प्रमुख बिंदु:
* मलबा ही मलबा: तस्वीरों में धराली गांव में खीर गाड़ और भागीरथी नदियों के संगम पर लगभग 20 हेक्टेयर (लगभग 750m x 450m) क्षेत्र में एक पंखे के आकार का मलबा और गाद जमा हुआ दिखाई दे रहा है।
* बदला हुआ रूप: आपदा से पहले, गांव में घर और अन्य संरचनाएं स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थीं, लेकिन बाद की तस्वीर में वे पूरी तरह से मलबे के नीचे दबे या बह चुके हैं।
* नदी का रास्ता बदला: सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि नदियों के चैनल काफी चौड़े हो गए हैं और उनका प्रवाह मार्ग बदल गया है, जो अचानक आई बाढ़ का स्पष्ट संकेत है।
* रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद: इसरो के अनुसार, ये हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें राहत और बचाव कार्यों में टीमों की मदद कर रही हैं, जिससे उन्हें फंसे हुए लोगों तक पहुंचने और संपर्क बहाल करने में मदद मिल रही है।
उत्तराखंड के धराली और हर्षिल गांवों में 5 अगस्त को बादल फटने के बाद आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। इस आपदा में कई लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अब भी लापता हैं। इसरो की ये तस्वीरें हिमालयी क्षेत्रों की बढ़ती संवेदनशीलता और प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को उजागर करती हैं।
