Source The Hindu
नई दिल्ली: संसद में जारी राजनीतिक टकराव के बीच मंगलवार को कांग्रेस सांसदों ने बिहार के विशेष पहचान रजिस्टर (SIR) को लेकर एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की खास बात यह रही कि इसमें ‘भारत की सबसे बुजुर्ग मतदाता’ भी शामिल हुईं, जिनकी उपस्थिति ने सबका ध्यान खींच लिया।
कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में नारेबाजी करते हुए SIR को संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ बताया। उनका कहना है कि यह रजिस्टर सामाजिक और राजनीतिक विभाजन को बढ़ावा देगा, साथ ही नागरिकों की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल होने की आशंका है।
प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “SIR केवल कागज़ी काम नहीं, बल्कि यह नागरिकों की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। हम इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।”
‘भारत की सबसे बुजुर्ग मतदाता’ के रूप में पहचानी जाने वाली महिला ने भी इस मौके पर SIR के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि उन्होंने आज़ादी से पहले और बाद के कई चुनाव देखे हैं, लेकिन इस तरह की पहल लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर सकती है।
कांग्रेस का आरोप है कि बिहार में SIR लागू कर जनता के अधिकारों पर अंकुश लगाया जा रहा है और यह कदम सरकार की मनमानी का उदाहरण है। पार्टी ने मांग की कि इस रजिस्टर को तुरंत वापस लिया जाए और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रदर्शन में ‘भारत की सबसे बुजुर्ग मतदाता’ की भागीदारी कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है, जिससे वह जनता से भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश कर रही है। आने वाले समय में यह मुद्दा बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा विवाद बन सकता है।
