Source CNBC
नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर आम जनता के लिए बड़ी राहत की खबर है। लगातार नौवें महीने खुदरा मुद्रास्फीति में कमी आई है और यह जुलाई 2025 में 1.55% के स्तर पर पहुंच गई है। यह आंकड़ा जून 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है, जब मुद्रास्फीति 1.46% थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई कमी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति जून में 2.1 प्रतिशत और जुलाई 2024 में 3.6 प्रतिशत थी। इस तेज गिरावट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2% से 6% के सहनशीलता बैंड को भी तोड़ दिया है। यह पहली बार है जब मुद्रास्फीति इस बैंड से नीचे आई है।
खाद्य मुद्रास्फीति में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) आधारित मुद्रास्फीति में सालाना आधार पर 1.76 प्रतिशत की गिरावट आई। सब्जियों की कीमतों में भारी कमी ने इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही, परिवहन और संचार की लागत में भी कमी आई है, जिससे समग्र मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति में इस निरंतर गिरावट से RBI को इस साल ब्याज दरों में और कटौती करने का अवसर मिल सकता है। इससे अर्थव्यवस्था में निवेश और खपत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस ऐतिहासिक गिरावट ने न केवल उपभोक्ताओं को राहत दी है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत दिया है।
