Source Aljajeera
बीजिंग/बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को एक क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन के दौरान एशियाई देशों के नेताओं से ‘शीत युद्ध मानसिकता’ का विरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था को सहयोग और साझेदारी की ज़रूरत है, न कि विभाजन और टकराव की।
शी जिनपिंग ने यह टिप्पणी क्षेत्रीय सहयोग मंच में दी, जहां एशिया के कई शीर्ष नेता और अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें पुराने दौर की सोच के साथ क्षेत्र में तनाव और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना चाहती हैं, जिससे शांति और स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी देशों को आपसी सम्मान, समानता और साझा विकास की राह अपनानी चाहिए। “आज की दुनिया में किसी को भी प्रभुत्व की नीति और गुटबाज़ी से फायदा नहीं होगा। यदि हम साझा चुनौतियों जैसे आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी विकास पर ध्यान दें, तो क्षेत्रीय शांति और समृद्धि को मजबूत किया जा सकता है,” उन्होंने कहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि शी जिनपिंग का यह बयान अमेरिका और उसके सहयोगियों के बढ़ते प्रभाव और सुरक्षा गठबंधनों पर सीधा संदेश है। चीन लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य और रणनीतिक दबाव बना रहा है, जिससे सहयोग की बजाय विभाजन को बढ़ावा मिल रहा है।
इस शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं ने भी बहुपक्षीय सहयोग, मुक्त व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन इस वक्त आर्थिक मंदी, आंतरिक चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका से बढ़ते तनाव का सामना कर रहा है। ऐसे में शी जिनपिंग का यह संदेश क्षेत्रीय देशों के साथ विश्वास और सहयोग को मजबूत करने की एक कूटनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
