Source The New Indian Express
देहरादून, उत्तराखंड – 16 सितंबर 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचा दी है। बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक की जानकारी के अनुसार, इन आपदाओं में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं। बचाव कार्य तेजी से जारी है।
सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से हालात सबसे ज्यादा खराब हुए हैं। यहां तेज बहाव के कारण घरों, दुकानों और होटलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई वाहन पानी में बह गए हैं और सड़कें टूट गई हैं। मालदेवता क्षेत्र में भी नदी का जलस्तर बढ़ने से सड़क और पुल बह गए हैं, जिससे कई इलाके कट गए हैं। रिस्पना और बिंदाल नदियों के उफान पर आने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार, सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे भूस्खलन का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। फिलहाल, कई प्रमुख सड़कें, जिनमें मसूरी-देहरादून मार्ग भी शामिल है, भूस्खलन के कारण बंद हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है। इन प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार यह आंकड़ा हजारों करोड़ में हो सकता है
