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मॉस्को: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस पर “कागजी शेर” वाली टिप्पणी के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। रूस ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए ट्रंप को सिर्फ “एक व्यवसायी” बताया है जो दुनिया को अमेरिकी तेल खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि रूस बाघ नहीं, बल्कि भालू है और “कागजी भालू जैसी कोई चीज नहीं होती।”
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान रूस को “कागजी शेर” कहा था और साथ ही भारत और चीन जैसे देशों पर रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने नाटो सहयोगियों से भी रूस से तेल और गैस खरीदना बंद करने का आग्रह किया था।
रूस ने ट्रंप के इन बयानों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है। पेसकोव ने यह भी कहा कि ट्रम्प का यह बयान कि यूक्रेन यूरोपीय समर्थन से अपना खोया हुआ इलाका वापस ले सकता है, आधारहीन है। उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए ट्रंप की इच्छा की सराहना करता है, लेकिन रूस की सुरक्षा की कीमत पर यूरोपीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।
रूस के इस कड़े रुख से यह स्पष्ट है कि वह ट्रंप की टिप्पणियों को हल्के में नहीं ले रहा है और अमेरिका के साथ व्यापार और राजनीतिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। रूस का कहना है कि ट्रंप अपनी व्यावसायिक सोच के कारण दूसरे देशों पर दबाव बना रहे हैं ताकि वे अमेरिका से तेल खरीदें। यह टिप्पणी अमेरिका-रूस संबंधों में एक नया मोड़ है और आने वाले समय में इसके और भी परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
