Source The Indian Express
नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (FCRA) के कथित उल्लंघन को लेकर प्रारंभिक जांच (Preliminary Inquiry) शुरू कर दी है।
अधिकारियों के अनुसार, शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि वांगचुक द्वारा संचालित कुछ संगठनों ने विदेशी अंशदान नियमों का उल्लंघन किया है। सीबीआई अब यह जांच कर रही है कि क्या इन संगठनों को प्राप्त धनराशि का उपयोग निर्धारित नियमों और प्रावधानों के विपरीत किया गया।
सोनम वांगचुक, जो हाल ही में लद्दाख में जलवायु और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों को लेकर सक्रिय आंदोलन चला रहे थे, ने अभी इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, वांगचुक ने अतीत में कई बार केंद्र सरकार से लद्दाख को संवैधानिक संरक्षण देने और क्षेत्र के नाजुक पर्यावरण को बचाने की मांग उठाई है।
सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच का मकसद केवल तथ्यों की पुष्टि करना है। अगर जांच के दौरान पर्याप्त साक्ष्य मिलते हैं, तो सीबीआई इस मामले में नियमित एफआईआर दर्ज कर सकती है।
गौरतलब है कि एफसीआरए के प्रावधानों के तहत किसी भी गैर-सरकारी संगठन (NGO) या संस्था को विदेशी फंडिंग प्राप्त करने और उसका उपयोग करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। इसके उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
इस बीच, लद्दाख में वांगचुक के समर्थक इसे “आवाज दबाने की कोशिश” बता रहे हैं, जबकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि जांच “कानून के दायरे” में की जा रही है और इसका किसी भी आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
