Source The economics Times
नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में से एक, रिलायंस ने देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के साथ ₹40,000 करोड़ के एक बड़े समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का उद्देश्य पूरे भारत में एकीकृत खाद्य विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना करना है, जिससे एशिया के सबसे बड़े फूड पार्क का निर्माण होगा.
आधुनिक तकनीक और रोजगार के अवसर
यह महत्वाकांक्षी परियोजना कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संचालित ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, और टिकाऊ तकनीकों का उपयोग करेगी. कंपनी का लक्ष्य न केवल अत्याधुनिक विनिर्माण इकाइयों की स्थापना करना है, बल्कि भारत को खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना भी है. इस पहल से देश भर में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में.
प्रमुख स्थान और भविष्य की योजनाएं
आरसीपीएल ने अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) में इस योजना की घोषणा की थी. कंपनी ने शुरुआत में महाराष्ट्र के कटोल (नागपुर) और आंध्र प्रदेश के कुरनूल में ₹1,500 करोड़ से अधिक का निवेश करके अत्याधुनिक खाद्य विनिर्माण हब स्थापित करने की योजना बनाई है. ये हब विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पादों और पेय पदार्थों का उत्पादन करेंगे. आरसीपीएल का लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व हासिल कर भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी (FMCG) कंपनी बनना है.
अन्य निवेश और विस्तार
इस बड़े समझौते के अलावा, रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स तमिलनाडु में भी ₹1,156 करोड़ का निवेश कर रही है. यह निवेश तूतीकोरिन में एक एकीकृत विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए है, जहाँ स्थानीय स्नैक्स, बिस्कुट, मसाले, और खाद्य तेल जैसे उत्पाद बनाए जाएंगे. कंपनी लगातार विभिन्न उपभोक्ता ब्रांडों का अधिग्रहण कर रही है और अपने खुद के ब्रांड जैसे कम्पा, इंडिपेंडेंस और रावलगाँव को बढ़ावा दे रही है.
