Source TOI
पाकिस्तान से कथित संबंध की जाँच
लेह में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (DGP) एस डी सिंह जामवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को बताया कि वांगचुक के कथित पाकिस्तान लिंक की जाँच चल रही है। डीजीपी ने खुलासा किया कि हाल ही में एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट (PIO) को गिरफ्तार किया गया था, जो वांगचुक के संपर्क में था और सीमा पार रिपोर्ट कर रहा था। डीजीपी जामवाल ने वांगचुक की कुछ विदेश यात्राओं पर भी सवाल उठाए, जिनमें पाकिस्तान के ‘डॉन’ समाचार पत्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी भागीदारी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि उनके वित्तपोषण और एफसीआरए (FCRA) उल्लंघन की भी जाँच की जा रही है।
लेह विरोध प्रदर्शन कैसे हुए हिंसक
डीजीपी ने 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के लिए वांगचुक के भड़काऊ भाषणों को मुख्य वजह बताया। उनके अनुसार, वांगचुक ने अपने भाषणों में ‘अरब स्प्रिंग’, नेपाल और बांग्लादेश के हालिया आंदोलनों का जिक्र किया, जिसने माहौल बिगाड़ने का काम किया। डीजीपी ने आरोप लगाया कि वांगचुक ने केंद्र सरकार और स्थानीय प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि लगभग 5,000-6,000 लोगों के समूह ने सरकारी इमारतों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर हमला किया, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और 17 सीआरपीएफ जवानों सहित 70 से अधिक नागरिक घायल हुए। उन्होंने यह भी कहा कि वांगचुक की भूख हड़ताल का इस्तेमाल जानबूझकर शांति और कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले तत्वों के लिए एक मंच के रूप में किया गया, जबकि 25-26 सितंबर को दिल्ली में बातचीत पहले से निर्धारित थी। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया है।
