Source ESPN
शीतल देवी ने रचा इतिहास
विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारतीय पैरा-आर्चर शीतल देवी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। 27 सितंबर को हुई इस प्रतियोगिता में उन्होंने फाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया और भारत के लिए यह बड़ा गौरव हासिल किया। बिना हाथों वाली शीतल, जो अपने पैरों का इस्तेमाल कर तीरंदाजी करती हैं, ने अपनी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से यह उपलब्धि हासिल की है। यह उनकी झोली में आया एक और बड़ा मेडल है, जो उन्हें दुनिया की शीर्ष पैरा-आर्चरों में स्थापित करता है।
दीप्ति जीवनजी 400 मीटर T20 फाइनल में
दूसरी ओर, विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की युवा धाविका दीप्ति जीवनजी ने भी उम्मीदें जगाई हैं। उन्होंने 27 सितंबर को महिलाओं की 400 मीटर (T20 वर्ग) दौड़ के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। T20 वर्ग बौद्धिक अक्षमता वाले एथलीटों के लिए होता है। दीप्ति ने अपनी हीट रेस में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की की। फाइनल में उनसे पदक की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं, जो भारतीय पैरा एथलेटिक्स के लिए एक और बड़ी सफलता हो सकती है।
ये दोनों घटनाएँ 27 सितंबर को भारतीय खेल जगत के लिए बेहद खास रहीं, जिन्होंने पैरा-एथलीटों के जज्बे और प्रतिभा को एक बार फिर से दुनिया के सामने रखा।
