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नई दिल्ली, 29 सितम्बर 2025 – संयुक्त राष्ट्र महासभा में ग़ाज़ा मुद्दे पर सख़्त बयान देने के कुछ ही घंटों बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इस अहम बैठक को संभावित युद्धविराम वार्ता की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है।
नेतन्याहू ने न्यूयॉर्क में अपने भाषण के दौरान स्पष्ट किया था कि इज़राइल “हमास के आतंक के आगे झुकने वाला नहीं” है। उन्होंने कहा कि इज़राइल की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव और मानवीय संकट को देखते हुए अब युद्धविराम की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा रहा है।
व्हाइट हाउस सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप और नेतन्याहू के बीच बैठक में ग़ाज़ा की मौजूदा स्थिति, क्षेत्रीय स्थिरता और अमेरिका-इज़राइल संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई। ट्रंप ने कथित तौर पर इस बात पर ज़ोर दिया कि “स्थायी शांति” तभी संभव है जब दोनों पक्ष व्यावहारिक रुख अपनाएं।
इधर, संयुक्त राष्ट्र और कई यूरोपीय देशों ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है ताकि ग़ाज़ा में फंसे नागरिकों को राहत पहुंचाई जा सके। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और अन्य मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि हालात लगातार बिगड़ रहे हैं और हज़ारों लोग बुनियादी ज़रूरतों से वंचित हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेतन्याहू का सख़्त रुख घरेलू राजनीति को ध्यान में रखते हुए है, लेकिन ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात से संकेत मिलते हैं कि पर्दे के पीछे वार्ता की संभावना अभी भी बनी हुई है।
अब सबकी नज़र इस बात पर है कि क्या यह उच्च-स्तरीय बातचीत युद्धविराम के लिए ठोस रूपरेखा तैयार कर पाएगी, या फिर इज़राइल-हमास संघर्ष और लंबा खिंचेगा।
