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गुवाहाटी, ७ अक्टूबर २०२५ — प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत की जाँच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने एक बड़े वित्तीय खुलासे को अपने मरीज में शामिल किया है। टीम ने पाया है कि दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (PSOs) के बैंक खातों में लगभग ₹1 करोड़ का लेन-देन किया गया।
लेन-देन का स्वरूप और संदिग्ध पहलू
सूत्रों के अनुसार, इस राशि को गायक की रिकॉर्डिंग फीस और अन्य आय से संबंधी धनराशि के रूप में उन सुरक्षा अधिकारियों के खातों में स्थानांतरित किया गया था।
रिपोर्ट्स यह भी कहती हैं कि उन दोनों अधिकारियों — नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य — को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है।
बोरा के खाते में लगभग ₹70 लाख और बैश्य के खाते में लगभग ₹40 लाख जाने की जानकारी सामने आई है।
राजनीतिक एवं जाँच-क्रियाएं
असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने तुरंत इस मामले को सेंट्रल एजेंसियों—इन्कम टैक्स विभाग (IT) और प्रवर्तन निदेशालय (ED)—के संज्ञान में लाने की मांग की है।
इस बीच, मृतक के साथ नौका पर मौजूद एक व्यक्ति, रुपकमल कलिता, सीबीआई मुख्यालय में सहयोग करने के लिए पहुंच चुके हैं।
सरकार ने न्यायिक जांच आयोग गठित करने का भी निर्देश दिया है, जिसमें गुवाहाटी उच्च न्यायालय के जस्टिस सौमित्र सैकिया की अगुआई होगी।
साथ ही, ED और IT विभाग को नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजनकर्ता श्यामकनु महंत के खातों की भी जाँच करने का निर्देश दिया गया है।
जांच की दिशा और संभावित निष्कर्ष
इस खुलासे ने यह संभावना बढ़ा दी है कि इस मामले में वित्तीय षड्यंत्र या धनशोधन की भूमिका हो सकती है। सुरक्षा अधिकारियों के खातों में अचानक मिले उच्च मूल्य के फंड ट्रांसफर तलाशी के लिए एक मजबूत सुराग हैं। SIT अब इस धन के स्रोत और गंतव्य को ट्रेस करने में जुटी है।
जब तक और सबूत नहीं मिलते, मामला और जटिल बना हुआ है। जनता, संगीतप्रेमी और जांच एजेंसियाँ इस जांच के अगले कदम की ओर ध्यान लगाए हुए हैं।
