Source Bar and bench
नई दिल्ली: दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय कर दिए हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने यह आदेश सुनाया, जिसके बाद अब इस मामले में ट्रायल शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव पर एक लोक सेवक के रूप में पद का दुरुपयोग करने का आरोप है, जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह साबित होता है कि यह ‘संभावित धोखाधड़ी’ और साजिश का मामला है।
आरोप तय किए जाने के समय लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव तीनों कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट द्वारा पूछे जाने पर तीनों आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे।
क्या है मामला?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान, भारतीय रेलवे के दो होटलों (रांची और पुरी में) के रखरखाव का ठेका एक निजी फर्म ‘सुजाता होटल्स’ को देने में अनियमितताएं बरती गईं। सीबीआई का दावा है कि इसके बदले में पटना की एक बेशकीमती जमीन यादव परिवार से जुड़ी एक कंपनी (डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसका नाम बाद में लारा प्रोजेक्ट्स हो गया) को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर हस्तांतरित की गई थी। सीबीआई ने इस सौदे को ‘जमीन के बदले होटल का ठेका’ करार दिया है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, जिसने राज्य की राजनीति में गहमागहमी बढ़ा दी है।
