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इस्लामाबाद/काबुल: सीमा पर घातक झड़पों के एक सप्ताह बाद, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने 48 घंटे के लिए अस्थायी संघर्ष विराम (Ceasefire) की घोषणा की है। इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने बातचीत जारी रखने और तनाव को कम करने की बात कही है। यह घोषणा बुधवार शाम को दोनों ओर से हुई भीषण लड़ाई के बाद आई, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए।
हालांकि, संघर्ष विराम के लिए पहले अनुरोध किसने किया, इस पर दोनों पक्षों के बयानों में विरोधाभास है।
पाकिस्तान का दावा:
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने घोषणा की कि संघर्ष विराम अफगान तालिबान शासन के अनुरोध पर “दोनों पक्षों की आपसी सहमति से” शुरू किया गया है।
अफगानिस्तान (तालिबान) का दावा:
वहीं, अफगान तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इसके विपरीत दावा किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि संघर्ष विराम “पाकिस्तानी पक्ष के अनुरोध और आग्रह पर” लागू किया जाएगा। मुजाहिद ने अपनी सभी अफगान सेनाओं को निर्देश दिया कि वे संघर्ष विराम का पालन करें, “जब तक कोई इसका उल्लंघन नहीं करता।”
यह तनाव तब बढ़ा जब पाकिस्तान ने कथित तौर पर जवाबी कार्रवाई करते हुए अफगानिस्तान के दक्षिणी कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक इलाके और काबुल में हवाई हमले किए। पाकिस्तान का कहना है कि ये हमले उसके क्षेत्र में आतंकी हमलों के जवाब में किए गए थे। दूसरी ओर, तालिबान ने इन हमलों में आम नागरिकों के मारे जाने का आरोप लगाया है।
दोनों देशों के बीच सीमा पर लंबे समय से तनाव बना हुआ है, क्योंकि पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा उसके खिलाफ हमले शुरू करने के लिए किया जा रहा है, जिसे अफगानिस्तान खारिज करता है।
नया संघर्ष विराम बुधवार शाम (स्थानीय समयानुसार) को लागू हो गया है, जिसका उद्देश्य राजनयिक माध्यमों से बातचीत को बढ़ावा देना है।
