Source The Hindu
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी अपने नवीनतम आंकड़ों में बताया कि देश में वामपंथी उग्रवाद (माओवादी हिंसा) अब केवल 11 जिलों तक सीमित रह गया है, जबकि इनमें से तीन जिले ‘सबसे प्रभावित’ श्रेणी में आते हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह स्थिति पिछले एक दशक की बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि वर्ष 2010 में यह संख्या 90 से अधिक जिलों तक फैली हुई थी।
गृह मंत्रालय के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों, सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के कारण माओवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े विकास कार्यों ने स्थानीय जनसमर्थन को भी प्रभावित किया है।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में अब भी माओवादी गतिविधियों के निशान हैं, लेकिन उनकी तीव्रता पहले की तुलना में काफी कम हो गई है। इन राज्यों के तीन जिलों को ‘सबसे प्रभावित’ की श्रेणी में रखा गया है।
गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य आने वाले दो वर्षों में देश को पूरी तरह माओवादी हिंसा से मुक्त करना है। इसके लिए विकास और सुरक्षा दोनों मोर्चों पर संतुलित रणनीति लागू की जा रही है।
सरकार के अनुसार, 2014 से अब तक माओवादी घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि मारे गए सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की संख्या में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।
