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नई दिल्ली: भारतीय सेना द्वारा चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी और कजाकिस्तान के लैंड फोर्सेस के प्रमुख मेजर जनरल मेरेके कुचेकबयेव की मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। यह मुलाकात नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र कंट्रीब्यूटिंग कंट्रीज (UNTCC) चीफ्स कॉन्क्लेव 2025 के दौरान हुई।
हालांकि, इस मीटिंग में भारत और कजाकिस्तान के बीच रक्षा साझेदारी को मजबूत करने, प्रशिक्षण सहयोग और क्षेत्रीय शांति पर ध्यान केंद्रित किया गया, लेकिन इंटरनेट यूजर्स की निगाहें मीटिंग की पृष्ठभूमि में लगी एक पेंटिंग पर टिक गईं।
क्या है पेंटिंग में?
तस्वीर के बैकग्राउंड में लगी पेंटिंग 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के ऐतिहासिक पल को दर्शाती है, जब पाकिस्तानी सेना के जनरल ए.ए.के. नियाज़ी ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए थे। यह वह क्षण था जब 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ था।
सेना का ट्वीट और इंटरनेट का रिएक्शन
भारतीय सेना के एडिशन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इंफॉर्मेशन (ADG PI) ने अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर यह तस्वीर साझा करते हुए बताया, “UNTCC2025 के दौरान जनरल उपेंद्र द्विवेदी, COAS ने कजाकिस्तान के लैंड फोर्सेस के प्रमुख मेजर जनरल मेरेके कुचेकबयेव से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच स्थायी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया।”
इस पोस्ट के तुरंत बाद, कई इंटरनेट यूजर्स ने ऐतिहासिक पेंटिंग को पहचाना और इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। यूजर्स ने इस बात की सराहना की कि एक अंतरराष्ट्रीय बैठक के दौरान यह प्रतिष्ठित पेंटिंग प्रमुखता से लगी हुई थी, जो भारतीय सशस्त्र बलों के गौरवशाली इतिहास और विरासत को दर्शाती है।
यह मुलाकात UNTCC 2025 कॉन्क्लेव के दौरान हुई, जिसकी मेजबानी भारत कर रहा है। इस कॉन्क्लेव में 30 से अधिक देशों के सैन्य प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी वैश्विक सुरक्षा और शांति अभियानों को मजबूत करने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
