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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: भारत की पेंशन प्रणाली को दुनिया की सबसे कमजोर प्रणालियों में से एक बताया गया है। वैश्विक Mercer CFA Institute Global Pension Index 2025 में भारत को 47 देशों की सूची में सबसे निचले स्थान पर रखा गया है, जबकि सिंगापुर ने इस साल शीर्ष स्थान हासिल किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की पेंशन प्रणाली को कुल 45.6 अंक मिले हैं, जो यह दर्शाता है कि देश की सेवानिवृत्ति व्यवस्था में न तो पर्याप्त सुरक्षा है और न ही स्थिरता। वहीं, सिंगापुर ने 86.8 अंक हासिल कर पहला स्थान पाया है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की पेंशन प्रणाली में सुधार की काफी गुंजाइश है। इसमें कहा गया कि भारत में कर्मचारियों की बड़ी संख्या औपचारिक पेंशन कवरेज से बाहर है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा खतरे में रहती है। इसके अलावा, निवेश ढांचे और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पारदर्शिता की कमी को भी एक प्रमुख समस्या बताया गया है।
शीर्ष और निम्न देश
शीर्ष तीन देश: सिंगापुर, नीदरलैंड और डेनमार्क
निचले तीन देश: भारत, तुर्की और अर्जेंटीना
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अपने पेंशन ढांचे में नीतिगत सुधार करने होंगे। इसमें निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के लिए एक समान पेंशन नीति, दीर्घकालिक निवेश विकल्प और सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना जरूरी है।
भारत में मौजूदा पेंशन योजनाएं
भारत में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) जैसी कई योजनाएं मौजूद हैं, लेकिन इनका दायरा सीमित है और देश के अनौपचारिक क्षेत्र के अधिकांश कामगार अभी भी इनसे बाहर हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, भारत को पेंशन कवरेज को सार्वभौमिक बनाने और पेंशन निवेशों पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
