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नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बड़ा अपडेट देते हुए स्पष्ट किया है कि कोई भी समझौता तब तक अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा, जब तक कि वह पूरी तरह से राष्ट्रहित में न हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र के हितों की पूरी तरह रक्षा करेगा।
गोयल ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मेरा मानना है कि बातचीत बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में आगे बढ़ रही है, और मैंने कई बार कहा है कि मुक्त व्यापार समझौते या व्यापार वार्ताएं कभी भी समय-सीमा पर आधारित नहीं होती हैं।”
सौहार्दपूर्ण माहौल में जारी है वार्ता
मंत्री ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता रचनात्मक तरीके से जारी है। उन्होंने प्रस्तावित समझौते को अंतिम रूप देने की समय-सीमा पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “जब तक हम राष्ट्र के हितों – भारत के किसानों, भारत के मछुआरों, भारत के MSME क्षेत्र के हितों को पूरी तरह से संबोधित नहीं करते, तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता।”
यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका कथित तौर पर भारत के कृषि क्षेत्र में कुछ रियायतें चाहता है।
लक्ष्य है 2030 तक व्यापार को दोगुना करना
दोनों देश इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अक्टूबर-नवंबर 2025 तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक करना है।
गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि अंतर्राष्ट्रीय कठिनाइयों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से प्रगति कर रही है और देश का निर्यात सकारात्मक वृद्धि दर्ज करेगा।
