Source Reuters
रूस ने बुधवार को अपने सामरिक परमाणु बलों के साथ बड़े पैमाने पर अभ्यास किया, जिसमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु-सक्षम बमवर्षक विमानों की तैनाती की गई। यह अभ्यास उस समय हुआ जब पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव लगातार बढ़ रहा है और यूक्रेन में युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य “राष्ट्रीय सुरक्षा की विश्वसनीय गारंटी” सुनिश्चित करना है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इन अभ्यासों में “परमाणु हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई” की क्षमता का परीक्षण किया गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद इस ड्रिल की निगरानी की, जिसे मॉस्को ने अपनी “रणनीतिक निवारक नीति” का हिस्सा बताया।
वहीं दूसरी ओर, यूक्रेन ने स्वीडन से अत्याधुनिक Gripen लड़ाकू विमानों की मांग की है। यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये जेट रूस के खिलाफ हवाई युद्ध में “गेम चेंजर” साबित हो सकते हैं। स्वीडिश सरकार ने कहा है कि वह इस अनुरोध पर विचार कर रही है, हालांकि उसे नाटो सहयोगियों से समन्वय की आवश्यकता होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के परमाणु अभ्यास और यूक्रेन की सैन्य सहायता मांग, दोनों संकेत हैं कि युद्ध के मोर्चे पर तनाव आने वाले महीनों में और बढ़ सकता है।
