Source Mint
गायन संचालक और कलाकार Lucky Ali ने वरिष्ठ गीतकार और स्क्रीनराइटर Javed Akhtar द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पुराने वीडियो में दिए गए “हिंदुओं को ‘मुसलमान जैसे मत बनो’” (Don’t become like Muslims) जैसे कथन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
घटना का परिदृश्य
एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया जिसमें जावेद अख़्तर एक सार्वजनिक सभा में बोलते देखे गए हैं कि,
“हिंदुओं को मुसलमान जैसे मत बनो। उन्हें अपना जैसा मत बनाओ… आप मुसलमान जैसे होते जा रहे हो। यह एक त्रासदी है।”
यह वीडियो वायरल होते ही चर्चाओं का विषय बन गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए Lucky Ali ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“Don’t become like Javed Akhtar, never original and ugly as f***…”
Lucky Ali की टिप्पणी और बाद की सफाई
Lucky Ali की प्रतिक्रिया ने काफी हलचल मची। उन्होंने तुरंत बाद एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा:
> “What I meant was that arrogance is ugly…. it was a mistaken communique’ on my part…. monsters may have feelings too and I apologise if I hurt anyone’s monstrosity…….”
इस तरह उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी खूबसूरती या किसी व्यक्ति के रूप-रंग पर नहीं थी, बल्कि वे घमंड को “ugly” कह रहे थे। इससे विवाद में मोड़ आया कि क्या उनका पहला ट्वीट इमोशनल/उष्ण था या जान-बूझकर रहा।
जावेद अख्तर की भूमिका और प्रतिक्रिया
जावेद अख्तर ने अभी तक इस वायरल क्लिप या Lucky Ali की टिप्पणी पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
वे पहले भी सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक विषयों पर अपनी राय रखते आए हैं, और कई बार दोनों ओर से प्रतिक्रियाएं मिल चुकी हैं।
सोशल मीडिया और जन-प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस घटना को ले कर विविध प्रतिक्रियाएं आई हैं
कुछ लोगों ने Lucky Ali की तुरंत टिप्पणी को सकारात्मक रूप से लिया और जावेद अख्तर के कथन की आलोचना की।
वहीं कुछ ने कहा कि वीडियो का पूरा संदर्भ देखा जाना चाहिए और बिना पूरा विश्लेषण किए प्रतिक्रिया देना उचित नहीं।
Lucky Ali की “मॉन्स्टर्स-मय फीलिंग्स” वाली सफाई को भी कुछ लोगों ने सैद्धांतिक रूप से हल्के में लिया।
निष्कर्ष
यह मामला इस बात का एक उदाहरण है कि सार्वजनिक व्यक्तित्व द्वारा दिए गए कथन और सोशल मीडिया पर उनके तुरंत बाद की प्रतिक्रिया किस तरह बड़ी चर्चा का विषय बन जाती है। Lucky Ali तथा Javed Akhtar के बीच यह ऑनलाइन “टकराव” धार्मिक-सांस्कृतिक भावना, सोशल मीडिया प्रतिक्रिया और एक-दूसरे की सार्वजनिक छवि जैसे कई पहलुओं को सामने ला रहा है।
