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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया कई तरह के भू-राजनीतिक तनावों और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रही है, तब भारत शांति, स्थिरता और समावेशी विकास का प्रतीक बनकर उभर रहा है। उन्होंने यह बात एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीतियां “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांत पर आधारित हैं, जो देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य न केवल आर्थिक प्रगति करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि विकास के लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।
मोदी ने कहा, “आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हमारे सुधार, नीतिगत स्थिरता और डिजिटल नवाचार ने वैश्विक निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है। हम केवल आर्थिक विकास की बात नहीं करते, बल्कि मानवता के कल्याण की बात करते हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विश्वसनीय साझेदार बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान ‘मेक इन इंडिया’, ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ और सतत विकास पर केंद्रित है।
वैश्विक व्यापार में जारी तनाव और आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों के बीच मोदी ने कहा कि भारत अपनी स्थिर नीतियों और सहयोग की भावना से दुनिया को भरोसा दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और सशक्त रूप से सुनी जाए।
मोदी ने अंत में कहा, “भारत केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रगति और शांति का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।”
