Source The Indian Express
मोगा की वह बेटी जिसने लड़कों के साथ क्रिकेट खेला, दुपट्टा कमर से बाँधकर…
नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने देश के लिए इतिहास रच दिया है। उनकी अगुवाई में भारत ने अपना पहला महिला विश्व कप खिताब जीतकर एक नया अध्याय लिख दिया है। फाइनल मुकाबले में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की।
हरमनप्रीत की यह जीत उनकी असाधारण प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और संघर्ष की कहानी को बयां करती है। पंजाब के मोगा जिले की रहने वाली यह ‘क्रिकेट क्वीन’ आज पूरे देश की प्रेरणा बन गई हैं।
“मोगा के छोटे से शहर से निकलकर विश्व मंच पर छा जाना हरमनप्रीत के अटूट हौसले का प्रमाण है।”
संघर्ष से सफलता तक (From Struggle to Success)
हरमनप्रीत कौर का सफर किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। क्रिकेट के लिए उनके जुनून को शुरुआत में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। उनके बचपन के दिनों की एक मशहूर कहानी यह है कि वह अक्सर लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं। जब उनके पास क्रिकेट किट नहीं थी, तो वह अपने दुपट्टे को कमर से कसकर बाँध लेती थीं ताकि वह भागते समय बाधा न बने और पूरी तरह से खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
उनके पिता, हरमंदर सिंह, ने हमेशा अपनी बेटी के सपने का समर्थन किया। उनके शुरुआती दिनों के कोच, कमलदीप सिंह सोढ़ी, ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उसे निखारा।
फाइनल में शानदार प्रदर्शन (Stellar Performance in the Final)
फाइनल मैच में हरमनप्रीत कौर ने एक कप्तान के तौर पर अपनी भूमिका बखूबी निभाई और बल्ले से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और कप्तानी के साहसिक फैसलों ने टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। इस जीत के साथ ही हरमनप्रीत कौर का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। पूरे देश में जश्न का माहौल है, और प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने टीम को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों भारतीय लड़कियों के लिए एक संदेश है जो अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखती हैं।
