Source The Hindu
नई दिल्ली/मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) की चल रही जांच के तहत बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने अनिल अंबानी और उनकी समूह कंपनियों से जुड़ी ₹3,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क (Attach) कर लिया है।
🏠 कुर्क की गई संपत्तियाँ
ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत चार अंतरिम आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत कुल ₹3,084 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है।
मुंबई के पाली हिल स्थित अनिल अंबानी का आवास।
दिल्ली में महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर स्थित रिलायंस सेंटर का प्लॉट।
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद और चेन्नई समेत देश के कई शहरों में फैली समूह कंपनियों की आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां, फ्लैट, प्लॉट और कार्यालय शामिल हैं।
💼 क्या है मामला?
यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन के कथित हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।
ED की जांच में यह सामने आया कि ₹17,000 करोड़ से अधिक के सामूहिक लोन को समूह की कई कंपनियों, जिनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है, द्वारा कथित तौर पर “मोड़ दिया गया” (diverted) और वित्तीय अनियमितताएँ की गईं।
एजेंसी का आरोप है कि समूह की संस्थाओं ने बैंक के पैसे का दुरुपयोग किया, जिसे फ़र्ज़ी कंपनियों और सहायक कंपनियों को दिया गया ताकि आय का गबन किया जा सके।
जांच में पता चला है कि यस बैंक द्वारा इन कंपनियों में किया गया बड़ा निवेश नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) में बदल गया, जिससे बैंक को बड़ा नुकसान हुआ।
इस मामले में अनिल अंबानी से अगस्त 2025 में ED मुख्यालय में पूछताछ भी की गई थी। अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई से सार्वजनिक धन की वसूली में मदद मिलेगी, जिससे अंततः आम जनता को लाभ होगा।
