Source The Hindu
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) द्वारा शुरू किए गए ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (Special Intensive Revision – SIR 2.0) अभियान को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान एक भी योग्य मतदाता का नाम सूची से हटाया गया, तो वह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पतन को सुनिश्चित करेंगी।
टीएमसी (TMC) इस अभ्यास को “राजनीति से प्रेरित संशोधन” बता रही है जिसका उद्देश्य कथित तौर पर अल्पसंख्यकों और वंचित समूहों को उनके मताधिकार से वंचित करना है।
बनर्जी ने कोलकाता में एक रैली का नेतृत्व करते हुए इस अभियान के खिलाफ विरोध जताया। उन्होंने इस प्रक्रिया को “खामोश, अदृश्य धांधली” (silent, invisible rigging) करार दिया।
प्रमुख बातें:
विरोध का कारण: टीएमसी का आरोप है कि SIR 2.0 के माध्यम से बीजेपी के इशारे पर लाखों योग्य मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश रची जा रही है, खासकर बंगाली और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
टीएमसी की तैयारी: पार्टी ने अपने बूथ नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी “वास्तविक मतदाता” सूची से बाहर न हो जाए।
बीजेपी का दावा: भाजपा का दावा है कि इस अभ्यास से मतदाता सूची से 40 लाख से अधिक “फर्जी या डुप्लीकेट” नामों को हटाया जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
SIR 2.0 के तहत, बूथ स्तर के अधिकारी (BLOs) 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण का सत्यापन और अद्यतन कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के विरोध में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
