Source The Tribune
पाकिस्तान की एक बार फिर धार्मिक भेदभाव को लेकर आलोचना हो रही है। दरअसल, एक हिंदू तीर्थयात्री ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे सिख जत्थे के साथ गुरुद्वारा दर्शन करने से रोक दिया। तीर्थयात्री के अनुसार, अधिकारियों ने कहा, “तुम हिंदू हो, सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना करतारपुर कॉरिडोर के पास हुई, जहां भारत से कई श्रद्धालु सिख गुरुओं से जुड़े पवित्र स्थलों के दर्शन के लिए गए थे। बताया जा रहा है कि कुछ हिंदू श्रद्धालु भी इस जत्थे में शामिल थे, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें रोकते हुए कहा कि यह यात्रा केवल सिखों के लिए है।
हिंदू तीर्थयात्री ने बताया, “हमने सभी जरूरी दस्तावेज जमा किए थे और कॉरिडोर से जाने की अनुमति भी मिली थी। लेकिन पाकिस्तान में हमें यह कहकर रोका गया कि हम सिख नहीं हैं, इसलिए हमें आगे नहीं जाने दिया गया।”
भारत के धार्मिक संगठनों और नागरिकों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि पाकिस्तान बार-बार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है, जो उसके दोहरे रवैये को उजागर करता है।
केंद्र सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि ऐसे मामलों में श्रद्धालुओं की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्राओं को लेकर सहयोग और विश्वास बढ़ाने की कोशिशें चल रही हैं। लेकिन इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार से इन प्रयासों को झटका लग सकता है।
